Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी20 देशों के नेताओं को 9 सितंबर को ‘भारत मंडपम’ में रात्रिभोज के लिए भेजे गए आधिकारिक निमंत्रण पत्र में इस बार उनके लिए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के संबोधन का प्रयोग किया गया है। इससे पहले प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया लिखे जाने की पंरपरा थी।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी20 देशों के नेताओं को 9 सितंबर को ‘भारत मंडपम’ में रात्रिभोज के लिए भेजे गए आधिकारिक निमंत्रण पत्र में इस बार उनके लिए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के संबोधन का प्रयोग किया गया है। इससे पहले प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया लिखे जाने की पंरपरा थी।
राष्ट्रपति भवन से आधिकारिक निमंत्रण पत्र में भारत शब्द के प्रयोग के बाद पक्ष विपक्ष की राजनीति आरंभ हो गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है। संविधान में अनुच्छेद एक के अनुसार, “भारत, जो इंडिया है, राज्यों का एक संघ होगा लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमला हो रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि मोदी इतिहास को विकृत करना और इंडिया को विभाजित करना जारी रख सकते हैं, जो भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम विचलित नहीं होंगे। आख़िर क्या है आईएनडीआईए पार्टियों का उद्देश्य यही है। यह भारत है-सद्भाव, मैत्री, मेल-मिलाप और विश्वास लाओ। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हालांकि इंडिया को "भारत" कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि "इंडिया" से पूरी तरह से छुटकारा पा ले, जिसकी सदियों से बनी अनगिनत ब्रांड वैल्यू है। हमें इतिहास के उस नाम पर अपना दावा छोड़ने के बजाय दोनों शब्दों का उपयोग जारी रखना चाहिए, एक ऐसा नाम जिसे दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में असम में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लोगों से अपील की थी कि वे इंडिया के स्थान पर देश के लिए भारत शब्द का प्रयोग करें।
क्रिकेट खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग का कहना है कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि नाम ऐसा होना चाहिए जो हममें गर्व पैदा करे। हम भारतीय हैं, इंडिया अंग्रेजों द्वारा दिया गया एक नाम है और हमारा मूल नाम 'भारत' को आधिकारिक तौर पर वापस पाने में बहुत समय लग गया है। मैं बीसीसीआई और जयशाह से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि इस विश्व कप में हमारे खिलाड़ियों के सीने पर भारत हो। उन्होंने आगे कहा कि 1996 के विश्व कप में, नीदरलैंड भारत में विश्व कप में हॉलैंड के रूप में खेलने आया था। 2003 में जब हम उनसे मिले, तब वे नीदरलैंड थे और अब भी वही हैं। बर्मा ने अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम वापस बदलकर म्यांमार कर दिया है और कई अन्य अपने मूल नाम पर वापस चले गये हैं।
भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया है। उनका कहना है कि इंडिया नाम से ब्रिटिश हमें प्रताड़ित करते थे जबकि भारत नाम हमारी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। हमें संविधान में संशोधन करना चाहिए और केवल भारत नाम ही रखना चाहिए।